शुगर के लक्षण और शुगर के घरेलु उपाय
शुगर/मधुमेह (डायबिटीज़)
शुगर विशव भर में असाध्य रोग माना जाता है।विशव के विकसित देश अमेरिका, यूरोप, इग्लैंड आदि के नागरिक शुगर रोग से ग्रस्त है और बताया जाता है कि वहाँ ८०% नागरिको को यह रोग ४०-५० वर्ष की आयु में हो जाता है।
भारत में आसाम, बंगाल, बिहार एवं जहां चावल मछली खाने का प्रचलन है वह यह रोग प्रचुर मात्रा में देखने को मिलता है।
शुगर/मधुमेह क्या है?
आयुर्वेद के अनुसार शुगर प्रमेह का ही एक रूप है। जिर्ड अवस्था में आने पर प्रमेह शुगर में परिवर्तित हो जाता है | इस रोग की मुख्य पहचान मूत्र में शक़्कर का जाना होता है |
ये खट्टे, नमकीन भारी, कफकारी, शीतल पदार्थ, नवीन अन्न,मदिरा, मांस, ईख, गुड़, दूध एक स्थान में अधिकतर रहना, एक ही तरह के आसन से प्रीति रखना और अधिक सोना -ये सब प्रमेह पैदा करने वाले है |
चरक के अनुसार भारी एवं चिकने पदार्थो का अत्यधिक भोजन अम्ल व लवण रस का अधिक मात्रा में सेवन करने, वर्षा के पानी का अधिक सेवन करने से, अति आरामदायक बिस्तर पर लेटे रहने से, चिंता, वमन विरेचन के द्वारा शरीर का शुद्धिकरण न करने से सप्तधातु की बनावट का कार्य वायु से रुक जाता है।
व धातु का परिपाक ठीक नहीं होने की वजह से पित्त व श्लेष्म के संचालक वायु के कोप के कारण कष्ट साध्य मधुमेह रोग प्रकट होता है |
शुगर/मधुमेह की उत्पत्ति
प्रमेह के होते ही इलाज न करने से सब तरह के प्रमेह समय पाकर मधुमेह उत्पत्ति होती हैं। जब मधुमेह हो जाता है तब असाध्य हो जाता है।
प्रायः सब तरह के प्रमेहो में मनुष्य मीठा और मधु के सामान पेशाब करता है तथा शरीर में मधुरता होती है। इसी से सब प्रमेहो को मधुमेह कहते है।
शुगर/मधुमेह के लक्षण
चरक ने इस रोग को मधुमेह की संज्ञा दी है तथा मधुमेह के निम्नलिखित लक्षण बताए गए है। स्पर्श में रुक्ष मूत्र का बार बार आना शुगर के लक्षण है।
सुश्रुत ने इस रोग का क्षोद्रमेह के नाम से उल्लेख किया है वैसे अगर व्याकरण की द्रष्टि से देखा जाय, तो मधु तथा क्षोद्र में कोई अंतर नहीं है।
क्योकि मधु का ही पर्याय सहोदरे है अतः चरक ने मधु के नाम से मधुमेह तथा सुश्रुत ने क्षोद्रमेह सम्बोधित किया है।
वाग्भट ने इस रोग को मधुमेह नाम से ही सम्भोधित किया है वे इस रोग के निम्न लक्षण बताते है। मधुमेह रोगी इस रोग में मधुर के सामान मधुर मूत्र त्यागता है और उसके शरीर में भी माधुर्य रहता है।
इस रोग की पहचान चीटियां लगने से की जाती है लेकिन वाग्भट ने कहा है की उसका शरीर भी मधुर रस लिए होता है।
कहने का तात्पर्य यह है कि उसके शरीर में मधुर रस की प्रधानता रहती है अतः शरीर पर मकिखया अधिक मात्रा में बैठती है।
शुगर/मधुमेह के घरेलु उपाय
- रात को मिट्टी के पात्र में मैथीदाना पानी में गला दे। सुबह मैथीदाना मसल कर पानी छान कर पि ले। सुबह नाश्ते के लिए रात को मुंग व मोठ सम मात्रा में लेकर गला दे और सुबह इसे कच्चा ही खूब चबा कर खाए|
- गेहूं के आटे की जगह 5 किलो जौ 1 किलो चना पिसाकर इस आटे की चपाती का सेवन करे। भोजन के बाद जामुन की *गुठली और करेले का चूर्ण सम मात्रा में मिलाकर 5 -5 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ ले।
- अगर हो सके तो नीम या बेल के पत्ते दिन में 3 -4 बार चबा चबा कर उसका रस चूसे।
- करेले का जूस घर पर निकाल कर दिन में एक बार सेवन करना चाहिए।
शुगर/मधुमेह में कौन से भोजन से करे परहेज
- शुगर से बनी चीजे,सभी मिठाईयाँ, गुड़ शहद, शुगर का शीरा तथाआइसक्रीम, पुडिंग ,पेस्ट्रीज,केक तथा शरबत इस प्रकार के भोजन से मधुमेह के मरीज को परहेज करना चाहिए।
- तली हुई चीजें, ज्यादा घी व तेल, मक्खन ये सब भी शुगर कर मरीज को नहीं खानी चाहिए।
- मलाई सहित दूध और उससे बानी चीजें भी शुगर के मरीज को नहीं खानी चाहिए।
- मैदा व उससे बनी चीजें जैसे ब्रेड, मठठी, नमकपारे, बिस्कुट, पिज़ा, बर्गर आदि भोजन से परहेज करना चाहिए।
- अण्डे का पीला भाग नहीं खाना चाहिए। मटन भी नहीं खाना चाहिए
- फल जैसे केला, चीकू, अंगूर, आम, लीची, खजूर इन सब फलो से भी परहेज करना चाहिए।
- सूखे मेवे जैसे काजू, किशमिश, शवारा, ये सब से भी परहेज करना चाहिए।
शुगर/मधुमेह में जो भोजन ले सकते है
- चाय
- कॉफी
- नींबू पानी
- सूप
- सोडा
- लस्सी
- पत्तेवाली सब्जियां
- खीरा
- टमाटर
- मूली
- करेला
- घीया
- कद्दु
- पनीर
शुगर/मधुमेह में ध्यान रखने योग्य बातें
- आपको आदर्श वजन बनाये रखना है।
- फाइबर आपके आहार का महत्वपूर्ण भाग है। इसलिए भोजन में फाइबर की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
- धुली दालों के बजाय साबुत दाले तथा छिलके वाली दाले अधिक लेनी चाहिए।
- शुगर के मरीज़ को कभी भूका नहीं रहना चाहिए।
- पानी खूब पीऐं।
- मधुमेह के लिए व्यायाम बहुत अच्छा है और यह दैनिक रूटीन का हिस्सा होना चाहिए।
- थोड़ी देर बाद थोड़ा थोड़ा खाना चाहिए क्योकि अधिक खाना ब्लड ग्लूकोस को बढ़ाता है।
- सुबह उठकर मोर्नींग वॉक पर भी जाना चाहिए।
- भोजन में मेथी दाने का प्रयोग करें।
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