ध्यान योग-भगवान श्री कृष्ण का ध्यान (Meditation)
भारत में अत्यधिक तीर्थस्थान हैं। जंहा योगीजन एकांत में ध्यान योग करने जाते है,जैसा कि भगवद-गीता में बताया गया है।परंपरागत रूप से, योग किसी सार्वजनिक स्थान में नहीं किया जा सकता, किन्तु जंहा तक कीर्तन-मंत्र योग, अथवा हरे कृष्ण मंत्र के कीर्तन-हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे / हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे-के योग का संबध है, उसमे जितने अधिक व्यक्ति सम्मिलित हो, उतना ही अच्छा है।भगवद-गीता में विशेष रूप से बताया गया है कि ध्यान कैसे करें और इसकी जीवन में क्या विशेषता है।
ध्यान योग कैसे करें
ध्यान योग का महत्व
ध्यान योग (Meditation) आध्यात्मिक रूप में बहुत श्रेष्ठ माना गया है।ये हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगर आप रोज ध्यान योग करने का नियम बनाते हो तो आप अपने जीवन में इसका महत्व खुद जान जाओगे जैसा कि इसके बारे में
भगवद-गीता के अध्याय 6 में श्लोक || 27 || में लिखा है।क्योंकि जिसका मन भली प्रकार शान्त है, जो पापसे रहित है और जिसका रजोगुण शान्त हो गया है, ऐसे इस सच्चिदानंदघन ब्रह्मके साथ एकीभाव हुए योगी को उत्तम आनन्द प्राप्त होता है।
भगवद गीता के अध्याय 6 में श्लोक|| 46 || में लिखा है कि योगी तपस्वियोंसे श्रेष्ठ है, शास्त्रज्ञानियोंसे भी श्रेष्ठ है और सकाम कर्म करनेवालोंसे भी योगी श्रेष्ठ है, इससे हे अर्जुन ! तू योगी हो।
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