भोजन करने के आवश्यक नियम

bhojan karne ke awashyak niyaum(pachan kriya)

भोजन करने से हमें शक्ति मिलती है।भोजन शरीर की रक्षा का साधन है। भोजन पौष्टिक, विटामिन तथा खनिज लवणों युक्त जल्दी पचने वाला आहार है। इसे उचित मात्रा में ग्रहण करना चाहिए।तभी शरीर स्वस्थ रह सकता है।

  • भोजन ताजा ही करना चाहिए।लेकिन भोजन बनाकर रखना पड़े तो उसे स्वच्छ स्थान पर ढककर रखें और जब खाना हो तब भोजन को गरम् कर लेना चाहिए। 
  • बाजार से कभी भी खुली वस्तुएं, जिन पर मक्खी, मच्छर आदि बैठते हो नहीं खानी चाहिए। 
  • जब पूरी भूख हो तभी भोजन करना चाहिए। 
  • भोजन करने के बाद या पहले अधिक शारीरिक और मानसिक श्रम नहीं करना चाहिए। 
  • भोजन करने के बाद थोड़ी देर आराम कर लें या बाई करवट लेट जाएं।इससे पाचन क्रिया सुविधापूर्वक होगी। 
  • सप्ताह में एक समय या एक दिन उपवास या फलाहार लेना ही रोगों से बचने का सरल उपाय है। 
  • केवल उतना ही भोजन करना चाहिए जितनी भूख हो। 
  • दोपहर का भोजन हल्का और रात का भोजन भारी ले सकते है, क्योंकि दिनभर काम करने से शरीर की शक्ति काम में लगी रहती है और भोजन पच नहीं पाता।
  • रात के भोजन करने के कुछ समय बाद ही सोना अच्छा रहता है। इससे पूरी शक्ति खाना पचाने में लगती है। 
  • भोजन करते समय पूरा ध्यान भोजन की तरफ रखे और स्वाद लेकर खाएं। भोजन करते समय बात नहीं करनी चाहिए और न ही कोई किताब या अख़बार पड़ना चाहिए नहीं तो भोजन पचाने में रुकावट होती है। 
  • भोजन शांतिपूर्वक और ऐसे समय करें जब आप हड़बड़ी में न हो और मनचाहा समय भोजन करने में लगा सके। 
  • जिनका पेट खराब रहता हो, उन्हें एक समय में एक या दो प्रकार का ही पदार्थ खाना चाहिए और थोड़ा खाना चहिए। दूसरा पदार्थ दो ढाई घंटे बाद खा सकते है। इससे पाचन तंत्र पर दबाव नहीं पड़ेगा। 
  • समय से भोजन करें।यदि समय से भूख न लगे तो उस समय का भोजन छोड़ दे या सलाद व सब्जी खाकर उठ जाएं। 
  • बहुत गर्म के बाद बहुत ठंडा या बहुत ठंडे के बाद बहुत गर्म वस्तु खाना पाचन क्रिया के लिए उचित नहीं है। 
ये भी देखे : स्वास्थ्य के लिए व्यायाम का महत्व 

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